अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम से सम्बद्ध पूर्वांचल कल्याण आश्रम की कोलकाता-हावड़ा महानगर इकाई का 41वां वार्षिकोत्सव दिनांक 19.06.2022 को कलामंदिर में संपन्न हुआ। सुदूर वनांचलों में रहने वाले हमारे वनवासी भाई-बहनों के सर्वांगीण विकास एवं संस्कृति संरक्षण का प्रयास “वनवासी कल्याण आश्रम” निरंतर कर रहा है। कल्याण आश्रम अपने विविध आयामों के माध्यम से, पचास हजार से ज्यादा गाँवों तक शिक्षा, चिकित्सा, संस्कार, स्वावलम्बन, समरसता एवं स्वदेश प्रेम की अलख जगा रहा है।
छत्तीसगढ़ की महामहिम राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। पद्मश्री से अलंकृत पश्चिम बंगाल की गुरुमाँ कमली सोरेन ने विशिष्ट अतिथि के रूप में आसन ग्रहण किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्वांचल कल्याण आश्रम के सभापति डा. चुनाराम मुर्मू ने की। कार्यक्रम का संचालन किया कल्याण भारती की सम्पादिका श्रीमती स्नेहलता बैद ने।
वनवासी कल्याण आश्रम के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री रामचन्द्र खराड़ी का पहली बार कोलकाता आगमन पर ५० से ज्यादा सुप्रसिद्ध सामाजिक सांस्कृतिक संस्थाओं द्वारा अभिनन्दन किया गया।
कोलकाता महानगर के अध्यक्ष श्री जितेन्द्र चौधरी, हावड़ा महानगर के अध्यक्ष श्री शंकरलाल जी हाकिम तथा महानगर महिला समिति की अध्यक्षा श्रीमती शकुन्तला बागड़ी मंच पर उपस्थित रहीं।
अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में श्री रामचन्द्र खराड़ी जी ने कहा कि देश की अस्मिता पर जब भी संकट आया है तब तब जनजाति समाज अपना बलिदान देने से कभी पीछे नहीं रहा है। उन्होंने भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया कि सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन 15 नवम्बर को जनजाति गौरव दिवस के रूप में घोषित किया। उन्होंने आगे कहा कि भारत के विकास का मार्ग जनजाति क्षेत्र से होकर जाता है। यदि भारत को विश्वगुुरु बनाना है तो जनजाति समाज का विकास करना होगा।
मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने अपने संबोधन में कहा कि आज जब समाज सेवा स्वार्थपरक बन चुकी है ऐसे में वनवासी कल्याण आश्रम के कार्यकर्ता सिर्फ समर्पण की भावना से जनजाति समाज के उत्थान के लिए कार्य कर रहे है। उन्होने नगरवासियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की कि वे जनजाति समाज के उत्थान के लिए आगे आ रहे हैं। उन्होंने जनजाति युवावर्ग को विभाजनकारी शक्तियों से बचने का सुझाव दिया और कहा कि वनवासी सनातन धर्म के ही अंग है। उन्होंने स्वयं के वनवासी होने पर गर्व व्यक्त किया और वनवासी बंधुओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक रहने का सन्देश दिया। संवैधानिक पद पर रहकर भी जनजाति समाज की सेवा करना वह अपना परम कर्तव्य समझती है। सांस्कृतिक कार्यक्रम में आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य पर संस्कार भारती द्वारा प्रायोजित एवं परिवेशित “नमामि भारतवर्षम्” नृत्य-गीतिका की प्रस्तुति की गई। इस नृत्य-गीतिका के माध्यम से वैदिक भारत से लेकर आधुनिक भारत का चित्रण किया गया। सूत्रधार थे श्री ध्रुवजीत भट्टाचार्य, भाष्य-रचना और बंगला गीत – श्री अमिताभ मुखर्जी, हिन्दी गीत – श्री समाज कुमार बसु एवं नृत्य प्रस्तुति सिउड़ि श्रृंजन, नृत्यरिदम एवं गौड़ीय चारुकला भारती के कलाकारों द्वारा पेश किया गया।
Annual Function – 19 June 2022
Purvanchal Kalyan Ashram (affiliated to Akhil Bharatiya Vanvasi Kalyan Ashram), Kolkata-Howrah Unit, celebrated its 41st anniversary on 19.06.2022 in Kalamandir. Vanvasi Kalyan Ashram is continuously undertaking various activities for all round development and protection of culture of vanvasi (tribal) societies. The Institution is working tirelessly for development of education, health, culture, self-reliance, harmony and patriotism among tribal societies through its various dimensions, in more than fifty thousand villages.
Her Excellency Governor of Chhatisgarh, Ms Anusuia Uike was the chief guest and Padma Shri Gurumaa Kamli Soren was the special guest. Dr. Chunaram Murmu, the president of Purvanchal Kalyan Ashram, was the chairman while the program was conducted by Smt Snehlata Baid, the editor of Kalyan Bharati.
The newly nominated President of Vanvasi Kalyan Ashram Shri Ramchandra Kharadi was felicitated by more than 50 renowned social organisations, on his first visit to Kolkata after his nomination.
Shri Jitendra Chowdhary (President Kolkata Mahanagar), Shri Shankarlal Haakim (President Howrah Mahanagar), and Smt Shakuntala Bagri (President Mahanagar Mahila Samiti) from Purvanchal Kalyan Ashram were also present on the dias.
In his presidential statement, Shri Ramchandra Kharadi said that whenever our nation has faced dangers, the tribal society has never escaped from sacrifices. He also expressed gratitude to the central government for declaring Bhagwan Birsa Munda’s birthday, 15th November, as Janjati Gaurav Diwas. He further said that the path to India’s development goes through tribal areas. If India wants to become Vishwaguru (world leader), development of tribal societies must be undertaken.
The chief guest, Her Excellency Governor-Chhatisgarh Ms Anusuia Uike said that today social service has become a selfish activity, still the members of Vanvasi Kalyan Ashram are working selflessly for upliftment of the tribal societies. She also thanked the urban society for coming forward for betterment of tribals. She advised the tribal youth to keep away from divisional forces and that they are a part of Sanatan dharma only. She was feeling proud for being a tribal herself, and sent a message to the tribal societies to be aware of their rights. Despite holding a constitutional post, she considers serving tribal societies her duty. A musical play “Namami Bharatvarsham”, conceptualised and sponsored by Sanskar Bharati, was presented to celebrate “Aazadi ka Amrit Mahotsav”. The journey of Bharat from Vedic times to modern age was showcased through the play. Shri Dhruvjit Bhattacharya directed the play, Shri Amitabh Mukherjee directed commentary and Bengali singing, Shri Samaj Kumar Basu directed Hindi singing, and dance presentation was by Siudi Shrinjan, Nrityarhythm and artists of Gaudiya Charukala Bharti.