प्रीतिलता कन्या छात्रावास (गोसाबा) – एक विहंगावलोकन
Pritilata Girls Hostel (Gosaba) – An overview
सभी मनोवैज्ञानिक व समाजशास्त्री निर्विवाद रूप से यह मानते हैं कि शिक्षा द्वारा बालक-बालिकाओं के व्यक्तित्व एवं अंतर्निहित गुणों का विकास होता है।
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वनवासी क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं का अत्यंत अभाव है। शहरों से कोई डॉक्टर वहां इलाज के लिए जाते नहीं। परिणामस्वरूप उल्टी, दस्त, मलेरिया, खुजली।
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स्वावलम्बन अर्थात अपनी क्षमताओं का विकास – अपना पसीना बहाकर परिश्रम से अर्जित धन के सहारे जीने के सुख से बढ़कर और कोई बड़ा आनंद नहीं होता।
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कल्याण आश्रम के सेवा कार्यो एवं संगठन कार्यों का उद्देश्य मात्र यश या पुण्य प्राप्ति नहीं है। हमारा उद्देश्य वनवासी समाज और वनवासी गांवों को खुशहाल और समृद्ध बनाना है।
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Pritilata Girls Hostel (Gosaba) – An overview
हमारे देश के दूरस्थ गाँव, दुर्गम एवं बीहड़ वनों में रहने वाले लगभग 11 करोड़ वनवासी अनादिकाल से ही अपनी इस पुण्यभूमि को सुवासित करते आये हैं। वनवासी प्रभु श्रीराम के सहयोगी कॉल, भील, किरात, महाभारत के एकलव्य, घटोत्कच, बर्बरीक (खाटू के श्याम बाबा), बिहार के बिरसा मुंडा, जतरा-टाना भगत, तिलकमाँझी, केरल के तलक्कल चंदू, मणिपुर के जादोनांग, मेघालय के तिरोत सिंह, ओड़िशा के भागो नायक आदि अनगिनत वनवासी नायकों का अवदान भारतीय इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठ हैं।
स्वाधीनता के सातवें दशक में प्रवेश के बाद भी विराट वनवासी समाज राष्ट्रीय विकासधारा से बहुत पीछे है तथा भीषण गरीबी शोषण एवं बदहाली का शिकार है। न शिक्षा, न चिकित्सा, न रोजगार, न प्रोत्साहन। परिणामतः वह निहित स्वार्थी तत्वों के शोषण एवं उत्पीड़न का शिकार बनता चला गया। राष्ट्र विरोधी शक्तियों ने उनकी सरलता का गलत लाभ उठाया। छल बल एवं प्रलोभन से मतांतरण का कुचक्र चला कर उसे राष्ट्र के विरुद्ध खड़ा कर दिया गया। वनांचलों में नक्सलवादी, माओवादी, अलगाववादी एवं आतंकवादी तत्व जोर पकड़कर देश के लिए खतरा बनते जा रहे हैं।
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Millions of people around the world live under a lower scale of poverty. They do not get pure, safe and sound drinking water. So we are trying to serve them pure health water for their better future.
In today's world we know that many people do not get their food daily. It is very difficult for us in today's world that people do not get their food. So we opened a project called "No people will die without eating"
People in Africa, Philistine, afghanistan, Livia and many other countries are not getting the proper medical treatment. So we have open a slogan and a project called “people will not suffer for medical treatment
Education is the backbone of a nation. But many children do not get a chance to go to school due to their poverty. So we are raising funds for a project called education for everyone and every child will go to school.
रामायण कथा वनवासियों के पराक्रम और अतुल्य सामर्थ्य की कथा है, जिसमें उन्होंने राम के नेतृत्व में पूंजीवाद, आतंकवाद के पोषक साम्राज्यवादी रावण को पराजित कर सोने की लंका को धूल धूसरित कर दिया। रामकथा यथार्थ में वनवासियों के मुक्ति संघर्ष और विजय की अमर कथा है। इस कथा के नायक ने स्वयं वनवासी बनना स्वीकारा और तमाम वनवासियों को अपने बराबरी में खड़ा कर के समाज को समत्व की नयी परिभाषा दी।
वास्तव में संगठन कोई पृथक् आयाम नहीं है। वनवासी कल्याण आश्रम स्वयं ही एक संगठन है। इसलिए इसका अलग से उल्लेख करना आवश्यक है।
सन् 1977 मैं अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम नाम से संस्था का नवीन पंजीकरण हुआ। प्रधान कार्यालय जशपुर नगर तथा प्रशासनिक कार्यालय मुंबई निश्चित किया गया। सभी प्रांतों में संगठन मंत्रियों की नियुक्ति की गई जिनके प्रयास से 1 वर्ष के अंदर सभी प्रांतों में पृथक्-पृथक् नामों से प्रांतीय समितियों का शासकीय पंजीकरण हुआ। दक्षिण बंग का कार्य पूर्वांचल कल्याण आश्रम नाम से पंजीकृत हुआ जो दक्षिण बंग के वनवासी समाज के सर्वांगीण उन्नति के लिए संकल्पित है। सर्वांगीण उन्नति का अर्थ है वनवासी के जीवन से जुड़े हर पहलू के संदर्भ में उसे जागृत करना, आगे बढ़ाना, विकसित करना तथा उसका वैचारिक, मानसिक, आर्थिक व सामाजिक विकास करना।