Coaching

कोचिंग

छात्रावासों में पढ़ रहे जनजातीय छात्रों को शिक्षण संबंधी किसी असुविधा का सामना न करना पड़े, शिक्षा के प्रति उनका रुझान बढ़े एवं वे माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक परीक्षाओं में अच्छे अंको से उत्तीर्ण हो सके इस हेतु छात्र-छात्राओं के कोचिंग की समुचित व्यवस्था की गई है। कोचिंग दो प्रकार से दी जाती है।

छात्रावासों में जाकर बच्चों को पढ़ाना

गांव में अच्छे प्रशिक्षक नहीं मिलते। शहरी युवक अपने व्यस्त जीवन से समय निकालकर छात्रावास में जाते हैं। 5-6 युवा दल बनाकर छात्रावास में 3-4 दिनों के लिए जाते हैं। छात्रावास में पढ़ रहे बच्चों से बातें करना, उनकी शैक्षणिक समस्याओं का समाधान करना, साथ में खाना-खेलना आदि शहरी कार्यकर्ताओं की दिनचर्या रहती है। युवाओं के बार-बार जाने से वनवासी छात्रों में पढ़ाई के प्रति रुचि जग रही है। सभी छात्रावासों में कंप्यूटर भी लगवा दिए गए हैं ताकि हमारे वनवासी छात्र किसी भी क्षेत्र में पीछे न रहे।

छात्रावास के छात्रों को शहर में बुलाकर पढ़ाना

इसके अंतर्गत वर्ष में दो तीन बार सभी छात्रावासों के कक्षा 9 एवं 10 के बच्चों को 10-15 दिनों के लिए कोलकाता बुलाकर उन्हें अंग्रेजी, गणित, व्यवहारिकता एवं कंप्यूटर की कोचिंग दी जाती है। विषय को समझने पर जोर दिया जाता है। छात्रों को अच्छे अंक लाने पर उनके उज्जवल भविष्य की संभावनाओं के बारे में बता कर उनमें महत्वाकांक्षा का निर्माण किया जाता है। कोचिंग के परिणाम स्वरूप जनजातीय छात्र-छात्राएं माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक परीक्षाओं में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हो रहे हैं। उनमें अब आगे पढ़ने की इच्छा जग रही है।

कोविड-19 के कारण छात्रावास में जाकर पढ़ाना एवं बच्चों को शहर में बुलाकर पढ़ाना-दोनों ही कार्य संभव नहीं हो पा रहे थे। छात्रों की पढ़ाई में किसी प्रकार का व्यवधान ना आए इस हेतु हमने ऑनलाइन कोचिंग की समुचित व्यवस्था भी की है। महानगर के प्रतिष्ठित सेवाभावी शिक्षक जनजातीय छात्र छात्राओं को पूरे मन से ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से न सिर्फ पढ़ा रहे हैं अपितु उनके शैक्षणिक विकासएवं रोजगार हेतु भी समुचित प्रशिक्षण दे रहे हैं।

आवश्यकता इस बात की है कि हम इस शैक्षणिक यज्ञ को अखंड रूप से जलाए रखें।

Coaching

Purvanchal Kalyan Ashram’s Youth Team has been leading the Coaching Programme since 2014. Each year vanvasi students of classes 8-10, studying in various hostels run by PKA in South Bengal come to Kolkata in their vacations to receive power packed coaching in English, Maths & Science group subjects. These sessions last anywhere between 8-15 days and are held 2-3 times each year. In 2020, after facing disruptions due to COVID-19, some enthusiastic youngsters came together to form ‘e-Vidya’, an online platform to connect these hostel students with teachers and impart quality education. Started in Jul 2020 as a stop gap arrangement, this Initiative received a tremendous response from students and teachers and was thus converted into a long term programme under the banner of ‘e-Vidya’.