वर्षा जल संरक्षण
विश्व मानव इस आशंका में है कि तीसरे विश्व युद्ध का कारण पानी हो सकता है। भ्रमित मानव अपने ही हितों के विरुद्ध बहुआयामी विकास योजनाओं को पूरे क्रम में प्राकृतिक सम्पदाओं को बेरहमीपूर्वक उलीच रहा है, फिर पानी को कैसे बख्शे? पानी पहली आवश्यकता है।
शिक्षा, चिकित्सा आदि प्रकल्पों एवं वन-यात्राओं के दौरान कोलकाता-हावड़ा महानगर कार्यकर्ता वनवासियों की समस्या का मूल समझने लगा। पानी के अभाव में बीमारी एवं साथ ही धरती का जलस्तर नीचे जाने से प्राकृतिक चक्र का असंतुलन वनवासी को तार-तार कर रहा है। समाधान के रूप में अन्य कार्यक्रमों के अलावा ‘जल संरक्षण एवं पुनर्भरण’ अभियान चलाया गया। गांव का वनवासी तैयार हुआ, और अब शहर से सहयोग माँगा गया।
इस योजना के लाभ:
वर्ष में दो या अधिक फसलें। वनवासी पूरे वर्ष भरपेट खाने लायक अनाज पैदा कर लेगा। फलदार पेड़, औषधीय वनस्पति और मौसम की सब्जियां पैदा हो सकेंगी। मछली – अतिरिक्त लाभ। धरती का जलस्तर ऊपर आने से प्राकृतिक संतुलन में बड़ी भागीदारी।