खेलकूद
यह कल्याण आश्रम के विभिन्न आयामों में से एक महत्वपूर्ण आयाम है। वनवासियों में खेलकूद की प्रतिभा नैसर्गिक होती है। उनमें अपार शारीरिक क्षमता, ऊर्जा तथा उमंग होती है। उनकी इस ऊर्जा का सदुपयोग करने तथा क्षमता को विकसित करने की दृष्टि से कल्याण आश्रम ने गांव-गांव में एकलव्य खेलकूद प्रकल्प प्रारंभ किये है। खेलकूद की विभिन्न स्तरों की महिला-पुरुषों की प्रतियोगिताएं प्रतिवर्ष की जाती है। ग्राम स्तर से प्रारंभ कर खंड स्तर, जिला स्तर एवं प्रांत स्तर तक प्रतिवर्ष प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। विभिन्न दूरियों की दौड़, कबड्डी, खो-खो, मैराथन दौड़, ऊंची-लंबी कूद, तीरंदाजी आदि के विभिन्न आयु वर्ग के युवक-युवतियों के विजेता प्रतियोगियों को पुरस्कार देकर प्रोत्साहन दिया जाता है। प्रांतीय स्तर के विजेता प्रतियोगियों में से चयन कर राष्ट्रीय स्तर पर वृहद क्रीडा महोत्सव में भेजा जाता है। राष्ट्रीय क्रीड़ा महोत्सव का स्वरूप अत्यंत विशाल एवं भव्य होता है।