Sports

खेलकूद

यह कल्याण आश्रम के विभिन्न आयामों में से एक महत्वपूर्ण आयाम है। वनवासियों में खेलकूद की प्रतिभा नैसर्गिक होती है। उनमें अपार शारीरिक क्षमता, ऊर्जा तथा उमंग होती है। उनकी इस ऊर्जा का सदुपयोग करने तथा क्षमता को विकसित करने की दृष्टि से कल्याण आश्रम ने गांव-गांव में एकलव्य खेलकूद प्रकल्प प्रारंभ किये है। खेलकूद की विभिन्न स्तरों की महिला-पुरुषों की प्रतियोगिताएं प्रतिवर्ष की जाती है। ग्राम स्तर से प्रारंभ कर खंड स्तर, जिला स्तर एवं प्रांत स्तर तक प्रतिवर्ष प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। विभिन्न दूरियों की दौड़, कबड्डी, खो-खो, मैराथन दौड़, ऊंची-लंबी कूद, तीरंदाजी आदि के विभिन्न आयु वर्ग के युवक-युवतियों के विजेता प्रतियोगियों को पुरस्कार देकर प्रोत्साहन दिया जाता है। प्रांतीय स्तर के विजेता प्रतियोगियों में से चयन कर राष्ट्रीय स्तर पर वृहद क्रीडा महोत्सव में भेजा जाता है। राष्ट्रीय क्रीड़ा महोत्सव का स्वरूप अत्यंत विशाल एवं भव्य होता है।

खेलकूद प्रकल्प का सकारात्मक प्रभाव

कल्याण आश्रम के इस खेल प्रकल्प के कारण गांव गांव में अद्भुत जागरण हुआ है। गांव के विकास के लिए वनवासी युवक-युवती आगे आए हैं अपनी धर्म-संस्कृति की रक्षा के लिए कटिबद्ध हुए हैं।

खेल के कारण समाज के सभी वर्गों के लोगों से संपर्क स्थापित होने से सदियों से चला आ रहा सामाजिक कुंठा-बोध समाप्त हो रहा है।

सैकड़ों वनवासी खिलाड़ी कल्याण आश्रम के कार्य में जुटे हैं। कल्याण आश्रम के किसी भी कार्यक्रम की व्यवस्था संभालने में वनवासी खिलाडी भैया-बहन आगे रहते हैं।

खेलकूद के अपने कार्यक्रमों में समाज के सभी वर्गों के लोग सहयोग दे रहे हैं।

कल्याण आश्रम खेल के माध्यम से वनवासी भाई बहनों में स्वाभिमान, स्वावलंबन और राष्ट्रभक्ति की भावना जगाने का कार्य कर रहा है।

भारतीय खेल प्राधिकरण के अधिकारी अपने संपर्क में हैं और भारतीय तीरंदाजी संघ से कल्याण आश्रम ने संबद्धता प्राप्त की है। ये दोनों संगठन सुयोग्य वनवासी खिलाड़ियों का चयन कर उनके समुचित प्रशिक्षण की व्यवस्था करते हैं।

समाज के बुद्धिजीवी, व्यवसायी, नौकरी करने वाले, सामान्य जन सभी के सहयोग से अपना खेलकूद आयाम निरंतर प्रगति पथ पर है।

Sports Project

The tribal people have unmatched skills, energy and enthusiasm in sports. With the aim of promoting and developing these abilities and enthusiasm, Kalyan Ashram has started Eklavya Sports centers in tribal villages. This project is one of the most effective and important projects of Kalyan Ashram.

Competitions are held among the players in various disciplines like long and short distance running, Kabbadi, Kho-Kho, long and high jumps, Archery etc. at village, regional, state and national levels. Exposure and appreciations, through these competitions, boosts the morale of the players.

The national level event is huge and has Olympic-style grandeur.

Positive Impact Of The Sports Project

  1. This project has created awareness and confidence among the youngsters to come forward to work for the overall development of their villages and for the protection and promotion of their culture.
  2. This project has helped the Kalyan Ashram karyakartas to build a strong rapport with the tribal people easing the sense of frustration that was there earlier due to their reluctance and unapproachability.
  3. The young sportsmen and sportswomen are always available and eager to participate and organize any Kalyan Ashram events in their area.
  4. The sports project has helped develop self-respect, self-reliance and patriotism among the tribals.
  5. The Sports Authority of India (SAI) is in touch with Kalyan Ashram and the National Archery Academy, in particular, takes a keen interest in the tribal archers. Many archers from the Tribal areas are chosen for advance training by the SAI.
  6. People from all walks of life are eager to contribute to the Kalyan Ashram Sports projects and this has helped the project to become more effective and impactful.