Van Yatra

वन यात्रा

संगठन के विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण में वन यात्राओं का अन्यतम योगदान हैl नगरीय परिवारों एवं शुभचिंतकों को दो-तीन दिन से लेकर सप्ताह भर के लिए वन क्षेत्र में ले जाकर उनका वनवासी समाज से सीधा संपर्क वनयात्राओं के माध्यम से करवाया जाता है। वनवासी जीवन को स्वयं अपनी आंखों से देख कर अनुभव करना, वनवासी की झोपड़ी में बैठकर उसके साथ भोजन या चाय पीना, रात्रि में उनके साथ नृत्य करना, उनकी सरलता, उनका आतिथ्य, अपनी परंपराओं के प्रति उनकी निष्ठा, अभाव के बीच उनका सात्विक संतोष सभी कुछ शहरवासियों के लिए जीवन का अभूतपूर्व रोमांचक अनुभव होता है। सभी निर्विवाद रूप से स्वीकार करते हैं कि जो बात सैकड़ों भाषणों से भी समझ में नहीं आ सकती, एक वनयात्रा में ही वह अनुभव में उतर जाती है।

नगर समितियों का गठन

वनयात्रा शहरवासियों के अंतः करण में गुणात्मक परिवर्तन लाती है। अपने प्रकल्पों को देखकर, क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ विचार विमर्श कर वहां की कठिनाइयों एवं आवश्यकताओं को प्रत्यक्ष समझने का अवसर मिलता है।इस प्रकार अनायास ही उनका प्रशिक्षण हो जाता है।

प्रकृति ने अपनी समृद्ध उदारता से वनांचलों को आच्छादित किया है। नदी, नाले, झरने, पर्वत, सघन वन, वनस्पति, धातु, दुर्लभ जीव जंतु की अजस्र ऊर्जा यहां देखने को मिलती है। प्रकृति के उन्मुक्त वातावरण में शरीर, मन, बुद्धि और प्राणों की समस्त ग्रंथियां खुल जाती है और वास्तविक सच्चे सुख की झलक मिल जाती है।

वनयात्रा में जाकर यह बात सहज रूप से समझ आती है कि वनवासी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के भीतर बहुत सरलता, निश्छलता और अपनापन है। वनवासियों का निश्छल प्रेम भरा आतिथ्य सहज ही सबको आकर्षित कर लेता है।

क्षेत्र के कार्यकर्ताओं और वनवासी समाज पर भी इन वनयात्राओं का बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उनमें यह विश्वास जागृत होता है कि विराट हिंदू समाज उनके सुख दु:ख में सहभागी है एवं उनकी समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर है।

वन यात्राओं के माध्यम से वनवासी एवं शहर वासी समाज भावनात्मक एकता के सूत्र में अनजाने ही बंध जाते हैं। इस तरह राष्ट्रीय एकता भावनात्मक स्तर पर पुष्ट बनती है। सबसे बढ़कर है आत्मिक संतोष जो वन यात्रा में जाने वाला प्रत्येक व्यक्ति अपने भीतर अनुभव करता है।

Vanyatra

‘Vanyatras’ are one of the most impactful programs organized by Purvanchal Kalyan Ashram for its city based volunteers and donors. Van & Yatra, as the name suggests, are trips to remote vanvasi areas and range anywhere between 3 days to 7 days. Each Vanyatra, depending on the duration, covers several vanvasi villages and PKA projects. The Vanyatris get a rare first-hand experience of the vanvasi culture, village lifestyle, their difficulties and how PKA’s projects uplift them. More often than not, it’s an eye opener for the Vanyatris, many of whom get an opportunity to visit a real Vanvasi village for the first time in their life. They are able to appreciate how PKA’s dedicated full time volunteers work at the grassroot level, interact with them and also witness how their donations are being utilised in the best possible manner for fulfilling PKA’s objective of overall welfare and upliftment of the vanvasi. Further, most of these remote beautiful vanvasi villages covered in a Vanyatra are often inaccessible to the common man. On the other hand, for the vanvasi villagers, it’s a once in a blue moon privilege to interact and host the ‘city-based Vanyatris’. They welcome them with their traditional dances and arts and get a chance to showcase their spirit and culture with an open heart!

These heart touching experiences in the Vanyatras, leave a life-long impression in the hearts of both the Vanyatri and the vanvasi!